22 जनवरी 2023 को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन हुआ इस कार्यक्रम की शुरुआत हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा कि गई । अय्योध्या नगरी प्रभु श्री राम के नाम से प्रसिद्ध है । जिस जगह पर राम मंदिर है उसे जगह पर सन 1528 में पहले मुगलों के शासक बाबर ने बाबरी मस्जिद बनाई थी इस मस्जिद से पहले वहां राम मंदिर था जिसको मुगलों के द्वारा तोड़ा गया और बाबरी मस्जिद बनाई गई फिर बाद में 6 दिसंबर 1992 को इस बाबरी मस्जिद को तोड़ा गया और वहां पर राम मंदिर बनाने की नई शुरू की गई 1528 से अब तक यानी तकरीबन 500 वर्षों तक बाद राम मंदिर का निर्माण हुआ है ।
इस भव्य राम मंदिर में प्रभु श्री राम की एक अद्भुत मूर्ति है यह मूर्ति बहुत ही खास है पूरी मूर्ति को काले पत्थर से बनाया गया है मूर्ति में भगवान के पूरे 10 अवतारों का वर्णन है मूर्ति लगभग 4:30 फीट ऊंची है और चौड़ाई में 3 फीट चौड़ी है इस मूर्ति का वजन लगभग 200 किलो है इस मूर्ति के सबसे ऊपरी भाग में सूर्य भगवान का चित्र भी है वहां पर स्वास्तिक चक्र गधा ओम भी चित्रित है । पूरी मिट्टी को काले पत्थर से बनाया गया है ।
रामलाल की यह मूर्ति 4 जनवरी 2024 को अयोध्या लाई गई थी कर्नाटक की मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज ने इस मूर्ति को बनाया है बताया जा रहा है कि इस मूर्ति में भगवान श्री राम 5 साल के है । भगवान श्री राम के 5 साल के स्वरूप की प्रतिमा मंदिर के गर्भ ग्रह में स्थापित की गई है । प्रभु श्री राम की मूर्ति में प्रयोग किया गया पत्थर नेपाल की गंडक नदी से लाया गया है इस पत्थर को शालिग्राम कहा जाता है । शालिग्राम के इस कास पत्थर को राम मंदिर में प्रतिमा के लिए इसलिए चुना गया क्योंकि यह पत्थर किसी एसिड यहां दूध जैसे तरल पदार्थ से रिएक्शन नहीं करता, जिस वजह से यह बहुत लंबे सालों तक बिना खराब हुई टिक सकती है इसीलिए इस मूर्ति में काले पत्थर शालिग्राम का प्रयोग किया गया है ।
जय श्री राम!
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